जोधपुर में जालौरी गेट और कबूतरों का चौक पर दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प और पत्थरबाजी के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.
Fresh Clashes in Jodhpur on Eid: जोधपुर में सोमवार रात और फिर मंगलवार सुबह दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प और जमकर पत्थरबाजी हुई. जोधपुर के जालौरी गेट पर सोमवार रात दो गुटों के बीच स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा फहराने की बात को लेकर झड़प हो गई. इसके बाद मंगलवार सुबह एक बार फिर तनाव के बाद कबूतरों का चौक पर दो गुटों के बीच पथराव हुआ. हालांकि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया, लेकिन अभी भी पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.
जोधपुर में कैसे भड़की हिंसा?
1. दो दिन से मूर्ति पर लगे थे भगवा झंडे: जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है और उसी कड़ी में जोधपुर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा के चौराहे पर भगवा ध्वज फहराए हुए थे.
2. नमाज से पहले प्रशासन ने झंडे हटाए: ईद को होने वाली नमाज से पहले प्रशासन ने सोमवार को ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर दोपहर में भगवा ध्वज उतरवा लिए थे.
3. हिंदू संगठनों ने झंडे हटाए: प्रशासन की अपील पर हिंदू संगठनों ने जालौरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा के चौराहे पर लगा भगवा ध्वज हटा दिया.
4. मूर्ति की आंखों और मुंह पर पट्टी: इसके बाद रात 11.15 बजे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वर्गीय बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर चढ़कर ध्वज लगा दिया. रात होते-होते अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा के चेहरे और आंखों को टेप से ढक दिया.
5. पट्टी बांधने का हिंदू संगठनों ने किया विरोध: स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा के रिश्तेदार और अन्य लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने पट्टी बांधने को लेकर विरोध किया और इस्लामिक ध्वज उतारने के लिए बोला.
6. विरोध के बाद दोनों समुदायों में झड़प: इस्लामिक ध्वज उतारने के लिए बोले जाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हिंदू संगठनों के लोगों पर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह से पीटा.
7. पुलिस चौकी में घुसे उपद्रवी: उपद्रवियों से बचने के लिए हिंदू संगठन के लोग पास स्थित पुलिस चौकी में पहुंचे, लेकिन अल्पसंख्यकों की भीड़ ने पुलिस चौकी में ही तोड़फोड़ शुरू कर दी और हिंदू संगठनों के लोगों के साथ मारपीट की. इस सारे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस उनके आगे बेबस नजर आई.
8. पुलिस ने लाठीचार्ज किया: हंगामे के बाद कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल और दोनों डीसीपी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक पूरे शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि जालौरी गेट चौराहे पर हिंदू-मुस्लिम का दंगा हो चुका है और दोनों ही पक्षों के लोग जालौरी गेट पहुंचने शुरू हो गए. इसके बाद भीड़ पर काबू पाने के लिए उदय मंदिर थाना अधिकारी अमित सिहाग ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया.
9. पत्थर और तलवार लेकर लोग निकले: लाठीचार्ज के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सैकड़ों की संख्या में पत्थर और तलवार लेकर जालौरी गेट चौराहे की तरफ बढ़े.
10. उपद्रवियों ने पुलिस पर किया पथराव: उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और साथ ही उन्हें रास्ते में जो भी मिला उनके साथ मारपीट किया. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिसके बाद स्थिति थोड़ी शांत हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने 3 दर्जन वाहनों से तोड़फोड़ की और 5-7 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
फिलहाल, पूरे शहर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती कर दी गई है. इसके साथ ही इलाके में तनाव को देखते हुए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है ताकि किसी तरह का अफवाह ना फैलाया जा सके. इस मामले में पुलिस ने अब 3 लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है.
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