Rajasthan – राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे राजेंद्र गुढ़ा को उनके मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है. जिसके बाद से राजस्थान की राजनीति में सियासी हलचले तेज हो गई है.
Rajasthan- राजस्थान में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव पास आते जा रहै. बयानों का दौर बढ़ता ही चला जा रहा है. और उन बयानों से राजनितिक हलचलें भी खूब बढ़ रही है. ऐसा ही ताजा मामला शनिवार को अचानक शाम को सीएम गहलोत की कैबिनेट का हिस्सा रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का है.
शुक्रवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे राजेंद्र गुढ़ा को उनके मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश को राज्यपाल कलराज मिश्र ने तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी थी.
जी बहुत चाहता है सच बोलें
— Rajendra Rathore (Modi Ka Parivar) (@Rajendra4BJP) July 21, 2023
क्या करें हौसला नहीं होता
लेकिन मैं धन्यवाद देना चाहूंगा राजेन्द्र गुढ़ा जी को जिन्होंने हौसला दिखाते हुए लोकतंत्र के मंदिर राजस्थान विधानसभा में महिला दुष्कर्म को लेकर प्रदेश की बहन-बेटियों की पीड़ा को सच्चाई के साथ सबके सामने रखा।
इससे बड़े शर्म…
बीजेपी नेताओं की दो टूक
इसी के साथ ही सियासी गलियारों में राजेंद्र गुढ़ा को लेकर बीजेपी काफी मुखर हो गई. साथ ही राजेंद्र गुढ़ा के पक्ष में उतर कर उनका साथ दे रही है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह के बयान दिए है.
कांग्रेस सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा द्वारा सदन में राजस्थान की बहन बेटियों पर अत्याचार और अन्याय के हालात की सच्चाई बताऐ जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मंत्री को बर्खास्त करना सरकार की विदाई निश्चित करता है क्योंकि सच रुकता नही है ,अब #नहीसहेगाराजस्थान गहलोत जी । pic.twitter.com/yiz8AaXbJz
— Arun Singh (@ArunSinghbjp) July 21, 2023
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रभारी अरूण सिंह का बयान
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ये निपटाओ अभियान कांग्रेस को निपटाएगा. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने कहा कि राजस्थान में जंगलराज है. गहलोत साहब कानून व्यवस्था पर ध्यान दो..इनका यही है जो सही बोलो उस पर कार्रवाई करो….ये साफ है की सरकार जा रही है.
PCC चीफ़ गोविंद सिंह डोटासरा का बयान
वहीं सीएम गहलोत के इस फैसले को लेकर PCC चीफ़ गोविंद सिंह डोटासरा का भी बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि राजेंद्र गुढा कई दिनों से पार्टी लाइन के ख़िलाफ़ बोल रहे थे. मुझे भी मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि ,आलाकमान और मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है, उन्होंने यह सोच समझ कर ही फ़ैसला लिया होगा . ये बात सही है कि कई दिनों से वो पार्टी विरोधी बयान लगातार दे रहे थे.
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गुढा के पद का दावेदार कौन
वहीं दूसरी ओर मंत्री गुढ़ा की बर्खास्ती के बाद अब देखना यह होगी की गुढ़ा का मंत्री पद किसे मिलेगा, क्योंकि राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा के विभाग CM गहलोत के पास है.
सीएम गहलोत संभालेंगे जिम्मेदारी
बता दें कि जब तक उनकी जगह किसी मंत्री को नहीं बनाया जाएगा तब तक यह विभाग CMअपने पास रख सकते है या चाहें तो किसी और मंत्री को दे सकते. गौरतलब है कि मंत्री के तौर पर राजेन्द्र गुढ़ा बारां के जिला प्रभारी मंत्री थे. साथ ही गुर्जर आरक्षण को लेकर कमेटी में सदस्य भी थे .
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