यूक्रेन पर रूस के हमले से पूरी दुनिया में चिंता के हालात हैं. इस बीच भारत भी संकटग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास कर रहा है और इस बारे में लगातार दूतावास के जरिए अपडेट दिया जा रहा है. अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बातचीत की है
नई दिल्ली: रूसी हमले की बीच यूक्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इस बीच वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालना भारत सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार की ओर से प्रयास तेज भी कर दिए गए हैं. यूक्रेन में फंसे करीब 20 हजार भारतीयों की वापसी के लिए भारत सरकार लगातार यूक्रेन के हालात पर नजर बनाए हुए है और इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी जानकारी दी है
यूक्रेन के विदेश मंत्री से हालात पर चर्चा
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बातचीत हुई है. उन्होंने मौजूदा हालात के बारे में जानकारी साझा की, साथ ही मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस संकट से बाहर निकलने में कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है.’ विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘भारतीय नागरिक और छात्रों को लेकर भी चर्चा हुई है और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए यूक्रेन के समर्थन की सराहना करता हूं.
. He shared his assessment of the current situation.I emphasized that India supports diplomacy & dialogue as the way out. Discussed predicament of Indian nationals, including students. Appreciate his support for their safe return.
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिमी यूक्रेन के लीव और चेर्निवित्सी शहरों में कैम्प कार्यालय तैयार किया ताकि वहां से भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड के लिये ट्रांजिट सुविधा दी जा सके. रूसी हमले के बाद यूक्रेन सरकार ने अपना वायु क्षेत्र बंद कर दिया है
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप
इस बीच ताजा अपडेट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. रूस जल्द ही एक डेलीगेशन भेजकर वार्ता कर सकता है. साथ ही यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से दावा किया गया है कि जवाबी कार्रवाई में अब तक एक हजार से ज्यादा रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं.
भारतीयों की यूक्रेन से वापसी के मुद्दे पर देश में सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में सक्षम नहीं है. इस सरकार के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति कमजोर हो गई है. उधर, दिल्ली स्थित रूसी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया गया जिसके बाद दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
भारत सरकार स्लोवाकिया, पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के रास्ते भारतीयों की स्वदेश वापसी कर रही है. इसके लिए भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंच भी रहे हैं. सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इन नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले जायेंगे ताकि उन्हें एअर इंडिया की उड़ानों के जरिए स्वदेश लाया जा सके
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