बजट में बालोतरा को जिला बनाने की मांग पूरी नहीं होने से सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस के पचपदरा विधायक मदन प्रजापत अपनी ही सरकार से नाराज हो गये. गुस्साये विधायक ने सदन के मुख्य दरवाजे पर जूते त्याग दिये. इसके साथ ही इस बात का भी ऐलान कर दिया कि वे मांग पूरी नहीं होने तक जूते नहीं पहनेंगे. वहीं विधानसभा में कोई प्रश्न भी नहीं लगायेंगे|
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने आज राजस्थान का बजट (Rajasthan Budget) पेश कर दिया. सत्ता पक्ष समेत सरकार समर्थित सभी निर्दलीय विधायक इस बजट की तारीफों के पुल बांधते हुये नहीं थक रहे हैं लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के एक ऐसे विधायक भी हैं जो अपनी एक मांग पूरी नहीं होने से अपनी ही सरकार से खफा हो गये. ये विधायक बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा क्षेत्र से हैं. पचपदरा के कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत (Congress MLA Madan Prajapat) इस बात से नाखुश है कि सीएम अशोक गहलोत ने बालोतरा को जिला बनाने की उनकी मांग को पूरा नहीं किया. इससे नाराज होकर मदन प्रजापत ने विधानसभा में जूते त्याग दिये दो बड़े प्रण लेकर पार्टी को सकते में डाल दिया|
बजट में बालोतरा को जिला नहीं बनाये जाने से विधायक मदन प्रजापत अपनी ही पार्टी की सरकार से जबर्दस्त नाराज हो गये. सीएम गहलोत के बजट स्पीच के बाद विधायक मदन प्रजापत ने विधानसभा के मुख्य गेट के आगे अपने जूते त्याग दिये. इससे साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि जब तक बालोतरा जिला नहीं बनेगा तब तक वे न तो जूते पहनेंगे और न ही विधानसभा कोई प्रश्न लगाएंगे. सत्ता पक्ष के विधायक होने के कारण यह घटना राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है|
चार बार चुनाव लड़ चुके हैं मदन प्रजापत
विधायक मदन प्रजापत पचपदरा विधानसभा से दूसरी बात जीते हैं. बीजेपी से अपनी राजनीति का करियर शुरू करने वाले मदन प्रजापत पचपदरा से अब तक चार चुनाव लड़ चुके हैं. बीजेपी में युवा मोर्चे के जिलामंत्री रह चुके मदन प्रजापत ने बाद में बसपा का दामन थाम लिया था. उन्होंने पहला चुनाव बसपा की टिकट पर लड़ा था. लेकिन हार गये. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था|
दूसरी बार विधायक हैं मदन प्रजापत
दूसरी बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और पहली बार विधायक बने. तीसरी बार वे बीजेपी के अमराराम से चुनाव हार गये. इस बार वे फिर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनकर विधानसभा में आये हैं. मदन प्रजापत ने पिछले दिनों इस बात की घोषणा की थी कि इस बजट में अगर बालोतरा को जिला नहीं बनाया गया तो वे जूते त्याग देंगे. बजट में उनकी यह मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने अपनी घोषणा को अमली जामा पहना दिया|
बाड़मेर जिले का सबसे बड़ा उपखंड है बालोतरा
उल्लेखनीय है कि बालोतरा बाड़मेर जिले का सबसे बड़ा उपखंड है. इसे लंबे समय से जिला बनाने की मांग की जा रही है. लेकिन ना तो बीजेपी ने बालोतरावासियों की इस मांग को पूरा किया और न ही कांग्रेस ने. पिछले काफी समय से हर साल बजट से पहले बालोतरा को जिला घोषित करने की मांग उठती रही है. लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है|
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