‘पंचायत आजतक’ में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा विभिन्न सियासी दलों की प्रमुख नेता भी शिरकत करने वाले हैं. इस खास कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के वक्ता एक साथ आएंगे और विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. इस दौरान कई मुद्दों पर बात होगी और सियासी समीकरणों पर चर्चा की जाएगी.

‘पंचायत आजतक’ में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा विभिन्न सियासी दलों की प्रमुख नेता भी शिरकत करने वाले हैं. इस खास कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के वक्ता एक साथ आएंगे और विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. इस दौरान कई मुद्दों पर बात होगी और सियासी समीकरणों पर चर्चा की जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आज ‘पंचायत आजतक’ का मंच सज गया है. इस सबसे बड़ी सियासी पंचायत में सबसे पहले राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिरकत की. मनोज सिन्हा ने 1957 के पहले चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि तब 75 सीटें थीं. 20 एमएलए निर्विरोध चुने गए. जम्मू कश्मीर की अवाम, खासकर घाटी के लोगों ने भी भारत के लोकतंत्र में आस्था व्यक्त की. उन्होंने कहा कि साजिश से बाहर निकलते हुए यहां की अवाम को भी ये समझ आ गया है कि हमारा भविष्य भारत के लोकतंत्र में है. उन्होंने उपराज्यपाल की पावर बढ़ाए जाने के सवाल पर कहा कि उस पर सवाल उठाना उचित नहीं है. जहां भी संघ राज्य क्षेत्र या केंद्र शासित प्रदेश हैं, वहां इस तरह की शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं. जो भी सरकार आएगी, उसे मेरा पूरा समर्थन होगा. मनोज सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनाव भी पूरी तरह से फ्री और फेयर होगा. आज रात के 11 बजे भी लोग बाहर जाकर खाना खा रहे हैं, 12 बजे रात तक प्रचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये जो बदलाव हुआ है, उसे देखने की जरूरत है.

मनोज सिन्हा ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत लागू होने के बाद हमने फंड ट्रांसफर कर दिए थे. राजनीतिक दलों का काम है, कुछ कुछ कहते रहते हैं. जनता इसका फैसला करेगी. अनुच्छेद 370 बहाल करने के वादों पर उन्होंने कहा कि जो लोग संवैधानिक पदों पर रहे हैं या शपथ ले चुके हैं, उनको ये समझना चाहिए कि ये अब भारत के संविधान का हिस्सा नहीं है. मनोज सिन्हा ने कहा कि ऐसी बातों से बचने की सलाह दूंगा. राहुल गांधी के राजा बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता की राय ले लें, उनके दिमाग के दरवाजे खुल जाएंगे. सीक्रेट बैलट करा लें. 75 फीसदी से अधिक जनता ने ये नहीं कहा कि पिछले पांच साल में जनता की भलाई के लिए काम हुआ है तो मैं यहां से चला जाऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालयों पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं, ये ठीक नहीं है. कीचड़ में पत्थर गिरता है तो छींटे खुद पर ही पड़ते हैं. लोगों को इस तरह की बातों से बचना चाहिए.   पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और तमाम दिग्गज भी आजतक के इस महामंच पर मौजूद रहेंगे और जम्मू कश्मीर के सियासी हालात और चुनावी समीकरणों पर बात होगी. ‘पंचायत आजतक’ में शिरकत करने वाली हस्तियों से अलग-अलग सत्रों के दौरान राजनीतिक मुद्दों और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. आजतक के इस मंच पर सबसे पहले सत्र ‘नया कश्मीर, कैसी तस्वीर’  में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा पहुंचे और उन्होंने तमाम सवालों के जवाब दिए.

“ये हस्तियां करेंगी शिरकत।”

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इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जैसी प्रमुख राजनीतिक हस्तियां शामिल होंगी. साथ ही केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीडीपी की नेता और अभियान प्रभारी इल्तिजा मुफ्ती, AIP के स्टार प्रचारक अबरार राशिद, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी, जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा अलग-अलग सेशंस में शिरकत करेंगे

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