मोदी सरनेम केस में दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई है. इससे जुड़ी अधिसूचना जारी हो गई है.
Rahul Gandhi Parliament Membership: मोदी सरनेम केस में दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई है. इससे जुड़ी अधिसूचना जारी हो गई है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाली से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. माना जा रहा है कि अब राहुल गांधी का कद और बढ़ जाएगा. पहले भारत जोड़ो यात्रा और अब संसद सदस्यता की बहाली से उनकी ताकत और बढ़ गई है. राहुल गांधी आज संसद में पहुंच केंद्र सरकार पर निशाना साध सकते हैं. राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने से कांग्रेस समेत पूरे I.N.D.I.A. गठबंधन में जोश देखा जा रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई. लोकसभा सचिवालय की ओर से इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा और दोषसिद्धि को रद्द कर दिया था. इसी के साथ उनके संसद बहाली का रास्ता साफ हो गया था. राहुल 2019 लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे. मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. 134 दिन बाद इस केस में राहुल गांधी की सजा पर SC ने रोक लगा दी. राहुल ने 2019 में दिया था बयान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. राहुल की सदस्यता हुई थी रद्द: कोर्ट से दोषी ठहराने जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं.
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