Boycott Pathaan: बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान (Shahrukh Khan) और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की मचअवेटिड मूवी ‘पठान’ (Pathaan) का पहला गाना ‘बेशर्म रंग’ (Besharam Rang) रिलीज हो चुका है. लेकिन इसके बाद ही फिल्म का  बायकॉट भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है.

Boycott Deepika-SRK film: पिछले कुछ महीनों से बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट का ट्रेंड चल रहा है जिसका असर फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर भी साफ नजर आ रहा है. अब सुपरस्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की फिल्म ‘पठान’ (Pathaan) को लेकर भी सोशल मीडिया पर यही हवा उड़ रही है. आपको बता दें कि शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ (Pathaan) अगले साल जनवरी में रिलीज होने वाली है. हाल ही में फिल्म का पहला गाना ‘बेशर्म रंग’ (Besharam Rang) रिलीज हुआ है जिसमें दीपिका पादुकोण  (Deepika Padukone) और शाहरुख खान की सिजलिंग केमिस्ट्री देखने को मिल रही है. लेकिन पहले गाने की रिलीज के बाद ही लोग दीपिका पादुकोण  (Deepika Padukone) को बुरी तरह से ट्रोल कर रहे हैं. 

दीपिका के कपड़ों पर हुआ बवाल

दरअसल, पठान के गाने ‘बेशर्म रंग’ में दिपिका का हॉट और सिजलिंग लुक हर किसी का ध्यान खींच रहा है. गाने में दीपिका के स्टेप्स और आउटफिट को लेकर कुछ लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं. इसके बाद सोशल मीडिया पर फिल्म के बायकॉट को हल्ला मचा हुआ है. दरअसल, गाने में दीपिका पादुकोण ने मोनोकिनी पहनी है जो भगवा रंग की है. मोनोकिनी के रंग पर अब हर तरफ बवाल मच गया है. आपको बता दें कि पठान का गाना ‘बेशर्म रंग’12 दिसंबर को रिलीज किया गया है जिसमें एक्ट्रेस का सेंशुअस लुक हर किसी को दीवाना बना रहा है. लेकिन इसी गाने में दीपिका की ऑरेंज मोनोकिनी पर हंगामा मच गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म में भगवा रंग का इस्तेमाल हिंदू धर्म का अपमान है. 

मोनोकिनी का रंग बदलने की मिली चेतावनी

आपको बता दें कि एक पोस्ट के जरिए मध्यप्रदेश के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने गाने से दीपिका के कपड़ों के रंग को बदलने की हिदायत दी हैं. उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो ‘पठान’ को एमपी में रिलीज नहीं होने देंगे. खैर, अब ये देखने वाली बात होगी कि पठान के मेकर्स अब ‘बेशर्म रंग’ में क्या बदलाव करते हैं. आपको बता दें कि शाहरुख खान की वजह से फिल्म ‘पठान’ को लेकर दर्शकों में काफी बज बना हुआ है. किंग खान लगभग 4 सालों बाद ‘पठान’ से धमाका करने के लिए तैयार हैं. इसके पहले शाहरुख खान कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा के साथ फिल्म जीरो में दिखाई दिए थे. इसके अलावा बात करें शाहरुख की बाकी आने वाली फिल्मों की तो ‘पठान’ के बाद शाहरुख ‘जवाब’ और ‘डंकी’ जैसी बड़ी फिल्मों में भी नजर आएंगे. 

  • वर्षों से रामदेवरा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए निः शुल्क राम रसोड़ा लगा रहे – समाजसेवी अमराराम

    श्री बाबा रामदेव सेवा संस्थान हेमावास झलोड़ा के द्वारा पिछले 31 वर्षों से आपकी सेवा में संचालित राम रसोड़ा का आज रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर महंत बाल भारती महाराज, महंत रावल पूरी महाराज के द्वारा भव्य शुभारंभ किया गया। इस दौरान संस्थान के अमरा राम कुलरिया ने बताया कि बाबा रामदेवरा जाने वाले यात्रियों के लिए पिछले 31 वर्षों से निरंतर चलाया जा रहा है,

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    जिसमें गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान से आने वाले यात्रियों की सेवा की जाती है। यह राम रसोड़ा हेमावास झलोड़ा में नरपत सुथार, मनोहर सुथार, भगवत सुथार के द्वारा चलाया गया है। संस्थान के द्वारा वर्ष भर विभिन्न जनसेवा एवं जन सरोकार के कार्यों में अग्रणी रूप से कार्य किया जा रहा है। पिंक लाईन ग्रुप दुबई के द्वारा यहां पर सेवाएं दी जा रही है। जिसमें बाबे के श्रद्धालुओं के लिए निः शुल्क भोजन, रहना, चाय, कॉफी, प्राथमिक उपचार की सेवाएं प्रदान की जा रही है। इस दौरान क्षेत्र वासियों में संस्थान का आभार जताया। इस दौरान दीपाराम, दौलाराम, पप्पू राम, अर्जून राम, युवा उधमी समाज सेवी सवाई राम कुलरिया , जालाराम, राजूराम, आदूराम, ललित सुथार फलसूंड एवं चौथानी परिवार, आस पास के क्षेत्र वासी उपस्थित रहे।

  • ‘सीक्रेट बैलेट करा लें, दिमाग के दरवाजे खुल जाएंगे…’, राहुल गांधी के बयान पर बोले LG मनोज सिन्हा

    ‘पंचायत आजतक’ में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा विभिन्न सियासी दलों की प्रमुख नेता भी शिरकत करने वाले हैं. इस खास कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के वक्ता एक साथ आएंगे और विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. इस दौरान कई मुद्दों पर बात होगी और सियासी समीकरणों पर चर्चा की जाएगी.

    ‘पंचायत आजतक’ में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा विभिन्न सियासी दलों की प्रमुख नेता भी शिरकत करने वाले हैं. इस खास कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के वक्ता एक साथ आएंगे और विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. इस दौरान कई मुद्दों पर बात होगी और सियासी समीकरणों पर चर्चा की जाएगी.

    जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आज ‘पंचायत आजतक’ का मंच सज गया है. इस सबसे बड़ी सियासी पंचायत में सबसे पहले राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिरकत की. मनोज सिन्हा ने 1957 के पहले चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि तब 75 सीटें थीं. 20 एमएलए निर्विरोध चुने गए. जम्मू कश्मीर की अवाम, खासकर घाटी के लोगों ने भी भारत के लोकतंत्र में आस्था व्यक्त की. उन्होंने कहा कि साजिश से बाहर निकलते हुए यहां की अवाम को भी ये समझ आ गया है कि हमारा भविष्य भारत के लोकतंत्र में है. उन्होंने उपराज्यपाल की पावर बढ़ाए जाने के सवाल पर कहा कि उस पर सवाल उठाना उचित नहीं है. जहां भी संघ राज्य क्षेत्र या केंद्र शासित प्रदेश हैं, वहां इस तरह की शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं. जो भी सरकार आएगी, उसे मेरा पूरा समर्थन होगा. मनोज सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनाव भी पूरी तरह से फ्री और फेयर होगा. आज रात के 11 बजे भी लोग बाहर जाकर खाना खा रहे हैं, 12 बजे रात तक प्रचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये जो बदलाव हुआ है, उसे देखने की जरूरत है.

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    मनोज सिन्हा ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत लागू होने के बाद हमने फंड ट्रांसफर कर दिए थे. राजनीतिक दलों का काम है, कुछ कुछ कहते रहते हैं. जनता इसका फैसला करेगी. अनुच्छेद 370 बहाल करने के वादों पर उन्होंने कहा कि जो लोग संवैधानिक पदों पर रहे हैं या शपथ ले चुके हैं, उनको ये समझना चाहिए कि ये अब भारत के संविधान का हिस्सा नहीं है. मनोज सिन्हा ने कहा कि ऐसी बातों से बचने की सलाह दूंगा. राहुल गांधी के राजा बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता की राय ले लें, उनके दिमाग के दरवाजे खुल जाएंगे. सीक्रेट बैलट करा लें. 75 फीसदी से अधिक जनता ने ये नहीं कहा कि पिछले पांच साल में जनता की भलाई के लिए काम हुआ है तो मैं यहां से चला जाऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालयों पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं, ये ठीक नहीं है. कीचड़ में पत्थर गिरता है तो छींटे खुद पर ही पड़ते हैं. लोगों को इस तरह की बातों से बचना चाहिए.   पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और तमाम दिग्गज भी आजतक के इस महामंच पर मौजूद रहेंगे और जम्मू कश्मीर के सियासी हालात और चुनावी समीकरणों पर बात होगी. ‘पंचायत आजतक’ में शिरकत करने वाली हस्तियों से अलग-अलग सत्रों के दौरान राजनीतिक मुद्दों और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे. आजतक के इस मंच पर सबसे पहले सत्र ‘नया कश्मीर, कैसी तस्वीर’  में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा पहुंचे और उन्होंने तमाम सवालों के जवाब दिए.

    “ये हस्तियां करेंगी शिरकत।”

    The message is grammatically correct and does not have any spelling mistakes. However, if you need to add more context or details, please provide that information!

    इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जैसी प्रमुख राजनीतिक हस्तियां शामिल होंगी. साथ ही केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीडीपी की नेता और अभियान प्रभारी इल्तिजा मुफ्ती, AIP के स्टार प्रचारक अबरार राशिद, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी, जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा अलग-अलग सेशंस में शिरकत करेंगे

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  • टेरर फंडिंग के आरोपी इंजीनियर राशिद के चुनाव प्रचार से किसे फायदा किसे होगा नुकसान? AIP पार्टी जम्मू-कश्मीर में बनेगी गेमचेंजर?

    Engineer Rashid Bail: जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोपी और सांसद राशिद इंजीनियर के जेल से आते ही जम्मू-कश्मीर की राजनीति की फिजा बदल गई है. राशिद को चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिली है, आखिर क्या वजह है कि राशिद की जमानत से महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की परेशानी बढ़ गई है. राशिद के चुनाव प्रचार से किसको होगा फायदा, किसे होगा नुकसान. जानें सबकुछ. 

    Jammu Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले बारामुल्ला के सांसद राशिद इंजीनियर जेल से बाहर आ गए हैं. राशिद को जमानत मिलते ही राजनीतिक पारा गरमा गया है. तो आइए जानते हैं कि टेरर फंडिंग के आरोपी सांसद इंजीनियर राशिद के चुनाव प्रचार से किसे फायदा और किसे नुकसान होगा? NC और PDP में आखिर क्यों खलखली मच गई है. आखिर राशिद की पार्टी से बीजेपी को क्या फायदा होने वाला है. 

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    जेल से रिहाई, पार्टियों में खौफ?
    राशिद इंजीनियर की रिहाई से जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों में खौफ आ गया है. जम्मू-कश्मीर हुए लोकसभा में जेल से ही राशिद ने अपना चुनाव जीता था.  राशिद के जेल से बाहर आने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की सबसे अधिक टेंशन बढ़ गई है. राशिद वही शख्स हैं जिसने जेल में बंद रहने के बाद भी लोकसभा चुनाव 2024 में अब्दुल्ला को बारामूला लोकसभा सीट से हरा दिया था. तभी तो उमर अब्दुल्ला कहते हुए फिर रहे हैं कि राशिद को बेल चुनाव के लिए मिली है. इंजीनियर राशिद और उनके लोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. नेशनल कांफ्रेस (NC) के बाद पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने राशिद की पार्टी पर जमकर निशाना साधा है, उनका कहना है कि राशिद की पार्टी आईपी बीजेपी की नई प्रॉक्सी दल है.

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    राशिद के चुनाव प्रचार से किसको फायदा? 
    बारामूला लोकसभा सीट से उमर अब्दुल्ला को शिकस्त देकर निर्दलीय सांसद बने राशिद के बाहर आने से चुनाव पर खासा असर पड़ सकता है. सबसे अधिक नुकसान NC और PDP को उठाना पड़ सकता है, तभी तो दोनों पार्टियां राशिद की जमानत का जमकर विरोध कर रही हैं. 

    राशिद की पार्टी को मिला वोट तो बीजेपी को होगा फायदा?
    घाटी में NC और PDP का अपना वोट वैंक है, राशिद की पार्टी इन्हीं वोटरों को अपने पाले में ला सकती है, इससे जहां मामला त्रिकोणीय होगा तो बीजेपी को एक तरह से फायदा मिल सकता है. महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और राशिद की पार्टी के बीच इस चुनाव में बात नहीं बनी है, यानी अगर राशिद की पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़ी तो पीडीपी को बहुत नुकसान होगा. 

    सहानुभूति का वोट?
    दरअसल, इंजीनियर राशिद लंबे समय से सलाखों के पीछे रहे हैं, यही वजह है कि जनता की सहानुभूति वे लोकसभा में भी बटोरने में कामयाब हुए थे, इस बार विधानसभा चुनाव में इसी भावना के साथ अपने साथ और वोटरों को जोड़ सकते हैं. जिससे विपक्षियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी, AIP) ने कैदियों की रिहाई और PSA और USPA को रद्द करने का वादा किया है. जिसका भी प्रभाव दिख सकता है.

    26 सीटों पर राशिद की पार्टी लड़ रही चुनाव
    लोकसभा में चुनाव के परिणाम के बाद राशिद की पार्टी ने पूरे घाटी में पैर पसार लिए है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक रशीद के 26 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. तभी तो राशिद के छोटे भाई शेख ख़ुर्शीद ने लैंगेट से नामांकन भरने के बाद  कहा था कि राशिद के जमानत से बाहर आने पर सैलाब आएगा. राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख सरकारी टीचर थे, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नौकरी छोड़ दी.

    20 सीटें जीतने का अनुमान
    पार्टी की ओर से कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में घाटी की करीब 20 सीटों पर उसे जीत मिलेगी. यदि ऐसा होता है तो एआईपी जम्मू-कश्मीर की एक बड़ी राजनीतिक शक्ति बनकर उभरेगी. जबकि, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के लिए यह बड़े झटके की तरह होगा. इसमें भी बीजेपी को फायदा होने वाला है, बीजेपी इन छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बना सकती है, बीजेपी की नजर इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी है, जिनको एक साथ लेकर सत्ता में आया जा सकता है.

    निर्दलीय प्रत्याशी और छोटे दलों पर बीजेपी की नजर
    जम्मू-कश्मीर के दो चरण की 50 विधानसभा सीटों पर कुल 485 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं, जिसमें 214 निर्दलीय प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. पहले चरण की 24 विधानसभा सीट पर 92 और दूसरे चरण की 26 विधानसभा सीट पर 122 निर्दलीय कैंडिडेट हैं. जम्मू-कश्मीर की सियासत में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में निर्दलीय किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि, जमात-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों ने अपनी क्षेत्रीय पार्टी बनाई थी, लेकिन चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिल सकी है. इसके चलते जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के लोग निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक दी है. यही वजह है कि इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों के उतरने का सारा रिकॉर्ड टूटता नजर आ रहा है.

    इंजीनियर राशिद का बैकग्राउंड
    2016 में जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिनका नाम तब सामने आया जब एनआईए कश्मीरी कारोबारी जहूर वताली से जुड़े केस की जांच कर रही थी, जिसे घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों के लिए फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. राशिद को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से टेरर फंडिंग मामले में 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मिली है. इंजीनियर राशिद को इससे पहले अदालत ने सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए भी छोड़ा था. 

  • IND vs SA Final Live: भारत ने फाइनल में जीता टॉस, साउथ अफ्रीका के खिलाफ बैटिंग चुनी

    IND vs SA Final T20 World Cup 2024 Live Score: टी20 वर्ल्ड कप 2024 का वह दिन आ गया जिसका इंतजार करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों था. शनिवार (29 जून) को फाइनल में भारत के सामने साउथ अफ्रीका की टीम है. इस टूर्नामेंट की दो अजेय टीमों के बीच खिताबी मुकाबला है.

    India vs South Africa T20 World Cup Final 2024 Live Score Updates: टी20 वर्ल्ड कप 2024 का वह दिन आ गया जिसका इंतजार करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों था. शनिवार (29 जून) को फाइनल में भारत के सामने साउथ अफ्रीका की टीम है. इस टूर्नामेंट की दो अजेय टीमों के बीच खिताबी मुकाबला है. भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया है. उन्होंने प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं किया. साउथ अफ्रीका भी उसी टीम के साथ मैच में उतरी है.

    भारत ग्रुप राउंड, सुपर-8 और सेमीफाइनल में नहीं हारा. दूसरी ओर, अफ्रीकी टीम ने भी इस कमाल दिखाते हुए फाइनल में जगह बनाई है. भारत 2014 के बाद टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था. तब उसे श्रीलंका ने हराया था. टीम इंडिया 2007 में चैंपियन बनी थी. साउथ अफ्रीका की बात करें तो वह पहली बार किसी भी वर्ल्ड कप (वनडे या टी20) के फाइनल में जगह बनाने में सफल हुआ है.

    फाइनल तक भारत की सफर की बात करें तो उसने ग्रुप ए में आयरलैंड, पाकिस्तान और अमेरिका को हराया था. कनाडा के खिलाफ मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था. सुपर-8 में टीम इंडिया ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को हराया था. इसके बाद सेमीफाइनल में इंग्लैंड को शिकस्त दी. साउथ अफ्रीका की बात करें तो उसने बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और नीदरलैंड को हराया. इसके बाद सुपर-8 में उसने वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और अमेरिका को हराया. सेमीफाइनल अफगानिस्तान को परास्त किया.

  • जब पहली बार मिले थे अटल-आडवाणी… ऐसे बनी थी देश की मशहूर सियासी जोड़ी

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Desert Darshan

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